वीरो द्वारा रणचंडी का स्तुति भजन
ले हाथ ढाल तलवार मुठ मजबूती तू धर दे चामुंडा वीरो में मजबूती।
मै सारा पहली मात तुझको मनाता , वो मै तुझको मनाता !!!
लहू का प्याला म्हारी , जगदम्बा आता।
होजी उठो शेर कोई खडग रखो मजबूती !!!
हे धर दे भवानी रजपूतो मजबूती।
मुगलो की फौज मेवाड़ देश चढ़ आयी, देश चढ़ आयी |
गढ़ घेर लिया, चितौड़ घटा चहु छायी |
हल्दीघाटी जो तलवार चलाई , तलवार चलाई|
वी कृपा तुम्हारी म्हारी जगदम्बा मम म्हारी|
ले हाथ ढाल तलवार मुठ मजबूती तू धर दे चामुंडा वीरो में मजबूती।
अमरसिंह राठौड़ , नागौर का जाया,नागौर का जाया|
गढ़ जीत आगरो , कोट फ़तह कर आया |
हल्दीघाटी जो तलवार चलाई , तलवार चलाई|
वी कृपा तुम्हारी म्हारी जगदम्बा मम म्हारी|
हिन्दुआ सूरज आधपति महाराणा, पति तो महाराणा !!!
सारी सेना में मचा दिया वो घमसाणा |
अब सुनलो धरकर ध्यान सुनाऊ कहानी, सुनाऊ कहानी|
धरती पर किन्हा, नाम झांसी राणी |
पृथ्वीराज चौहान,खांडा रे खड़काया, खांडा रे खड़काया|
अखियो से अँधा, फिर भी बाण चलाया
होजी ले हाथ ढाल तलवार मुठ मजबूती तू धर दे चामुंडा वीरो में मजबूती।